Shardiya Navratri 2025 Colours List – Day Wise Guide: नौ दिन, नौ रंग और माँ दुर्गा का आशीर्वाद
Sharad / Shardiya Navratri 2025 Colours List – Day Wise Guide —
Here is a list of the colors for each day of Navratri 2025 and their significance:
Day 1 (September 22, Monday): White - Represents purity, peace, and new beginnings.
Day 2 (September 23, Tuesday): Red - Symbolizes love, passion, and strength.
Day 3 (September 24, Wednesday): Royal Blue - Represents divine energy and stability.
Day 4 (September 25, Thursday): Yellow - Represents cheer, joy, and new beginnings.
Day 5 (September 26, Friday): Green - Stands for harmony, fertility, and growth.
Day 6 (September 27, Saturday): Grey - Reflects stability and resilience.
Day 7 (September 28, Sunday): Orange - Symbolizes enthusiasm and warmth.
Day 8 (September 29, Monday): Peacock Green - Conveys uniqueness and originality.
Day 9 & Day 10 (September 30, October 1, Tuesday & Wednesday): Pink - Symbolizes love, affection, and harmony.
कैसे तय होती है Navratri Colours की सूची?
Navratri की रंग सूची (Colours List) हर साल बदलती है और यह पंचांग (Hindu Calendar), तिथियों और वार (weekday) पर आधारित होती है।
तिथि और वार का मेल — Navratri का पहला दिन यानी प्रतिपदा तिथि जिस दिन आती है, उस दिन का वार (Monday, Tuesday, etc.) देखकर रंग तय किया जाता है।
जैसे अगर पहला दिन सोमवार है तो Grey रंग से शुरुआत होगी, अगर मंगलवार है तो Orange से।
फिर बाकी दिनों का क्रम चलता है। पहला रंग तय होने के बाद बाकी 8 रंग एक फिक्स्ड क्रम में चलते हैं। यानी Monday से शुरू हुआ तो उसके बाद का sequence Tuesday, Wednesday… चलता जाएगा।
रंगों का महत्व (Symbolism of Navratri Colour Code) —
हर रंग माता दुर्गा के अलग स्वरूप और ऊर्जा को दर्शाता है।
- Grey → शक्ति और संतुलन
- Orange → उत्साह और सकारात्मकता
- Peacock Green → सौंदर्य और करुणा
- Pink→प्रेम, करुणा और स्नेह
- White → शांति और पवित्रता
- Red → शक्ति और जोश
- Royal Blue → आत्मविश्वास
- Yellow → आनंद और प्रसन्नता
- Green → विकास और समृद्धि
- Purple → रहस्य और अध्यात्म
Navratri की रंग सूची (Colours List) के बारे में Officially कैसे पता चलता है?
Navratri से पहले पंचांग प्रकाशन (जैसे Drik Panchang, Hindu calendar apps, Jyotish websites) में announce होता है। News portals और regional media Navratri start date और वार देखकर उस साल के लिए रंगों की official सूची जारी करते हैं।
मतलब: रंग कोई मनमाने तरीके से तय नहीं होते, बल्कि ये पहले दिन किस वार को पड़ता है उस पर निर्भर करते हैं। उसके बाद का पूरा sequence फिक्स्ड रहता है।
क्यों खास है Navratri Colours List?
Navratri में हर दिन का रंग केवल फैशन या ट्रेंड के लिए नहीं, बल्कि देवी माँ की ऊर्जा और गुणों को दर्शाता है। भक्त इन रंगों के वस्त्र पहनकर माँ के आशीर्वाद की कामना करते हैं।
Shardiya Navratri 2025 में आप ऊपर दी गई day-wise colours list को अपनाकर माँ दुर्गा की पूजा और गरबा/डांडिया उत्सव को और भी खास बना सकते हैं। तो इस बार 9 दिन 9 रंग पहनकर नवरात्रि को और भी पावन और खुशहाल बनाएँ।
क्यों पहने जाते हैं Navratri Colours?
नवरात्रि में धारण किए जाने वाले ये नौ रंग केवल परंपरा नहीं हैं, बल्कि यह आत्मा को जाग्रत करने और माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का साधन हैं।
हर रंग एक भाव, एक ऊर्जा और एक विशेष शक्ति का प्रतीक है। भक्तजन इन रंगों को पहनकर यह संदेश देते हैं कि वे माँ दुर्गा की कृपा में रंगे रहना चाहते हैं। ये रंग हमारी दिनचर्या, सोच और कर्मों को सकारात्मक दिशा प्रदान करते हैं।
Shardiya Navratri 2025 में नौ दिनों तक नौ रंगों की यह परंपरा न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह हमें जीवन में शक्ति, संतुलन और आनंद बनाए रखने की प्रेरणा भी देती है।
हर नवरात्रि पर माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करें, और प्रत्येक दिन उनके अनुरूप रंग धारण करके अपने जीवन में शांति, शक्ति और समृद्धि का स्वागत करें।
Shardiya Navratri 2025 कब है?
माँ दुर्गा की आराधना का पावन पर्व Shardiya Navratri 2025 इस वर्ष 22 सितंबर (सोमवार) से आरंभ होगा जो कि 10 दिनों तक चलेगा, और 1 अक्टूबर (बुधवार) को नवमी के साथ पूर्ण होगा। पंडितों के अनुसार नवरात्रि में तिथि की वृद्धि अत्यंत शुभ मानी जाती है।
इस दौरान नवरात्रि के इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा पूरे भारत सहित विदेशों में भी बड़े उत्साह से की जाती है।
प्रत्येक दिन का एक रंग होता है जो देवी के स्वरूप और उनके दिव्य गुणों को दर्शाता है। हर दिन एक विशेष रंग धारण करना न केवल परंपरा है, बल्कि देवी माँ की शक्ति, करुणा और आशीर्वाद से जुड़ने का माध्यम भी है।
विशेष बात यह है कि इस बार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
1. पहला दिन (प्रतिपदा, घट स्थापना) – माँ शैलपुत्री
Day 1 (22 Sep, Monday)
✨ आज का रंग — सफेद (WHITE)✨
नवरात्रि की शुरुआत माँ शैलपुत्री की पूजा से होती है। माँ शैलपुत्री पर्वत राज हिमालय की पुत्री हैं। उनका वाहन वृषभ है और वे त्रिशूल तथा कमल धारण करती हैं। कहा जाता है कि इस दिन शुद्ध मन और आत्मा से माँ का ध्यान करने पर जीवन में नई शुरुआत का आशीर्वाद मिलता है।
भक्त इस दिन सफेद रंग पहनते हैं। सफेद शांति और पवित्रता का प्रतीक है। सफेद रंग धारण करने से मन पवित्र और शांत रहता है।
मंत्र: “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।”
कहा जाता है कि माँ शैलपुत्री भक्त को स्थिरता और नई शुरुआत का आशीर्वाद देती हैं।
“जय शैलपुत्री माँ जय जय अम्बे,
सदा भक्तों के दुख हर ले अंबे।”
2. दूसरा दिन (द्वितीया, चन्द्र दर्शन) – माँ ब्रह्मचारिणी
Day 2 (23 Sep, Tuesday)
❤️ आज का रंग — लाल (RED)❤️
दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या और संयम की प्रतिमा हैं।
इस दिन का रंग लाल है। लाल रंग साहस, शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।”
माँ ने घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्राप्त किया। उनकी भक्ति हमें जीवन में धैर्य और समर्पण का मार्ग दिखाती है।
“जय ब्रह्मचारिणी माता,
तुमसे जीवन पाता।”
3. तीसरा दिन ( सिंदूर तृतीया) – माँ चंद्रघंटा
Day 3 (24 Sep, Wednesday)
💙 आज का रंग — गहरा नीला, रॉयल ब्लू (ROYAL BLUE)💙
तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है। माँ चंद्रघंटा अपने माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र धारण करती हैं। यह रूप युद्धप्रिय और पराक्रमी है। माँ के माथे पर सजी अर्धचंद्र घंटा की तरह प्रतीत होती है। ऐसा विश्वास है कि उनकी कृपा से भय दूर होकर जीवन में शौर्य और पराक्रम आता है।
इस दिन का रंग रॉयल ब्लू है। यह रंग आत्मविश्वास और वीरता का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।”
माँ की आराधना से भय और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
“सुनो माँ चंद्रघंटा रानी,
कर दो सबके दुःख की हानी।”
4. चौथा दिन (तृतीया तिथि, विनायक चतुर्थी व्रत) – साधना दिवस
Day 4 (25 Sep, Thursday)
🌟आज का रंग — पीला (YELLOW)🌟
इस बार तृतीया तिथि दो दिन तक रहेगी।
इस दिन पीला रंग धारण किया जाएगा। पीला रंग खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
5. पाँचवाँ दिन (चतुर्थी तिथि) – माँ कूष्मांडा
Day 5 (26 Sep, Friday)
💚 आज का रंग — हरा (GREEN)💚
चतुर्थी के दिन भक्त माँ कूष्मांडा की पूजा करते हैं। माँ कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृजक कहा जाता है। उनकी मुस्कान से सृष्टि का आरंभ हुआ था।
इस दिन का रंग हरा है। हरा रंग करुणा और उन्नति का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः।”
कहते हैं माँ कूष्मांडा ने अपनी मुस्कान से सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः उनके उपासक को सृजन और आनंद का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्त मानते हैं कि उनके पूजन से जीवन में प्रकाश और ऊर्जा आती है।
तेरा गुण गाते हैं भक्ता।”
6. छठा दिन (पंचमी तिथि) – माँ स्कंदमाता
Day 6 (27 Sep, Saturday)
⚪ आज का रंग — धूसर (GREY)⚪
पंचमी तिथि के दिन माँ स्कंदमाता की आराधना होती है। माँ स्कंदमाता अपने पुत्र कार्तिकेय को गोद में लेकर विराजमान होती हैं।
इस दिन धूसर (ग्रे) रंग धारण करने की परंपरा है। यह रंग संतुलन और अनुशासन का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः।”
माँ स्कंदमाता की गोद में उनके पुत्र कार्तिकेय विराजमान रहते हैं। यह दृश्य मातृत्व और करुणा की अनूठी झलक प्रस्तुत करता है। माँ का यह रूप मातृत्व और करुणा का प्रतीक है। उनकी पूजा से घर में शांति और समृद्धि आती है।
“जय स्कंदमाता सुखदाता,
भक्तों के मन की हो विनता।”
7. सातवां दिन (षष्ठी तिथि) – माँ कात्यायनी
Day 7 (28 Sep, Sunday)
🧡 आज का रंग — नारंगी (ORANGE)🧡
षष्ठी तिथि के दिन माँ कात्यायनी की पूजा होती है। माँ कात्यायनी महिषासुर मर्दिनी के नाम से जानी जाती हैं।
इस दिन का रंग नारंगी है। नारंगी उत्साह और जोश का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।”
कथा है कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से जन्मी देवी ने असुरों का नाश किया था। इस दिन शक्ति और साहस की साधना करनी चाहिए।
“जय जय कात्यायनी माता,
तेरे चरणों में है त्राता।”
8. आठवाँ दिन (सप्तमी तिथि) – माँ कालरात्रि
Day 8 (29 Sep, Monday)
💚रंग — मोरपंखी हरा (PEACOCK GREEN)💚
सप्तमी तिथि के दिन माँ कालरात्रि की उपासना होती है। माँ कालरात्रि का स्वरूप भयावह है, किंतु वे भक्तों के लिए शुभ फलदायिनी हैं।
इस दिन मोरपंखी हरा रंग शुभ माना जाता है। यह रंग शुद्धता और स्वास्थ्य का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।”
माँ कालरात्रि का स्वरूप भयंकर है लेकिन वे भक्तों को सदैव निर्भय बनाती हैं। माना जाता है कि उनका स्मरण करने से सभी नकारात्मक शक्तियाँ, सभी भय और शत्रु नष्ट हो जाते हैं।
“जय कालरात्रि अम्बे माई,
भय हरने वाली जग जननी।”
9. नौवाँ दिन (अष्टमी तिथि)– माँ महागौरी
Day 9 (30 Sep, Tuesday)
💖रंग — गुलाबी (PINK)💖
अष्टमी तिथि के दिन माँ महागौरी की पूजा होती है। माँ महागौरी का रूप सौंदर्य और शुद्धता का प्रतीक है।
इस दिन का रंग गुलाबी है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और स्नेह का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी महागौर्यै नमः।”
कथा के अनुसार, कठोर तपस्या के बाद माँ का वर्ण उज्ज्वल और गोरा हो गया, इसलिए उन्हें महागौरी कहा गया। इस दिन साधना करने से सभी पाप धुल जाते हैं।
“जय महागौरी जगदम्बा,
भक्तों के संकट हर ले अम्बा।”
10. दसवाँ दिन (नवमी तिथि) – माँ सिद्धिदात्री
Day 10 (1 Oct, Wednesday)
💖रंग — गुलाबी (PINK)💖
नवरात्रि का अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की दात्री हैं।
इस दिन का रंग गुलाबी है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और स्नेह का प्रतीक है।
मंत्र: “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।”
माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों और आशीर्वाद को प्रदान करती हैं। इस दिन उनकी पूजा से जीवन में सफलता और समृद्धि आती है। देवी की आराधना करने से भक्त को आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
“जय सिद्धिदात्री जगदम्बा,
सबको सिद्धि देने वाली अम्बा।”
Shardiya Navratri 2025 केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मा को माँ दुर्गा के नौ रूपों से जोड़ने का पावन अवसर है। हर दिन का रंग, मंत्र, कथा और भजन हमें यह याद दिलाते हैं कि जीवन में शक्ति, भक्ति और करुणा का संगम ही सच्ची सम्पन्नता है। इस नवरात्रि हर दिन का रंग धारण करें, माता के चरणों में भक्ति अर्पित करें और उनके आशीर्वाद से जीवन को दिव्यता से भर दें।
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