संकटनाशन गणेश स्तोत्र (Sankat Nashan Ganesh Stotra): भगवान गणेश के 12 नाम, अर्थ और चमत्कारी लाभ
गणपति बप्पा की महिमा अपरंपार है। भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और बुद्धि-विद्या के दाता माना जाता है। जब भी जीवन में संकट आता है या कोई काम बार-बार रुकता है, तो सबसे पहले गणपति बप्पा की याद आती है, सबसे पहले उनके ही चरणों में मन झुकता है। नारदपुराण में वर्णित “संकटनाशन गणेश स्तोत्र (Ganesh Sankat Nashan Stotra in Hindi)” इसका साक्षात उदाहरण है। यह स्तोत्र इतना शक्तिशाली है कि इसके पाठ से हर तरह की बाधाएँ दूर होती हैं। इस स्तोत्र में भगवान गणेश के १२ दिव्य नाम बताए गए हैं।
आइए जानते हैं यह स्तोत्र क्या है, इसके नाम कौन-कौन से हैं, उनका अर्थ और इन्हें पढ़ने से मिलने वाले अद्भुत लाभ।
संकटनाशन गणेश स्तोत्र क्या है?
कब और कैसे करें संकटनाशन स्तोत्र का पाठ?
संपूर्ण संकटनाशन गणेश स्तोत्र श्लोक सहित (Sankat Nashan Ganesh Stotra Lyrics in Sanskrit and Hindi)
संकटनाशन गणेश स्तोत्र का महत्व
- यह स्तोत्र नारद पुराण से लिया गया है। गीता प्रेस गोरखपुर के अनुसार, जो भी श्रद्धा से इसका पाठ करता है उसके सभी संकट मिट जाते हैं।
- विद्यार्थी, व्यापारी, संतान की इच्छा रखने वाले और शांति चाहने वाले सभी को लाभ मिलता है।
- प्रतिदिन त्रिसंध्या (सुबह, दोपहर और शाम) के समय इसका पाठ करना चाहिए। विशेष रूप से बुधवार और चतुर्थी को इसका पाठ लाभकारी है।
गणेश जी के 12 नामों के पाठ या जाप से मिलने वाले अद्भुत लाभ / मान्यताएँ
गणेश जी के इन 12 नामों के पाठ से संकट और विघ्न दूर होते हैं, विद्या और बुद्धि की वृद्धि होती है, धन और व्यापार में उन्नति होती है, संतान की प्राप्ति होती है, स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है, मन की शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्तोत्र और धार्मिक ग्रंथों तथा लोक-मान्यताओं में ये लाभ बताए जाते हैं:
1. संकट और विघ्न स्वतः दूर हो जाते हैं। जीवन में आने वाले विघ्न एवं बाधाएँ दूर होती हैं। बिगड़े कामों में सुधार होता है, बाधाएँ कम होती हैं।
2. विद्यार्थियों को विद्या प्राप्त होती है, बुद्धि मे सुधार होता है। विद्यार्थी को विद्या और स्मरण शक्ति प्राप्त होती है।
3. धन, व्यापार और करियर में उन्नति होती है। धन प्राप्ति, व्यापार-धंधे में वृद्धि, संपत्ति की वृद्धि होती है।
4. संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
5. मानसिक शांति और मोक्ष का मार्ग मिलता है।
6. भय, चिंता और मानसिक तनाव घटते हैं; भक्त को मन की शांति मिलती है।
7. आयु, काम, अर्थ की सिद्धि — जीवन, धन-सम्पत्ति व इच्छित कार्यों की पूर्ति होती है।
8. मोक्ष की प्राप्ति — जन्म-मरण, जन्म-जन्मान्तर के बंधन से मुक्ति की संभावनाएँ बढ़ती हैं।
9. सिद्धि / मनोकामना की पूर्ति — छह मास या एक वर्ष के नियमित पाठ से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
गणेश जी के 12 नाम (गीता प्रेस अनुसार)
श्लोक:
गणेश जी के 12 नाम और उनके अर्थ (Ganesh ke 12 Naam aur Unke Arth)
1. वक्रतुण्ड (Vakratunda) – टेढ़ी सूँड़ वाले, जो विपरीत परिस्थितियों में भी मार्ग बनाते हैं।2. एकदन्त (Ekadanta) – एक दाँत वाले, एकाग्रता और दृढ़ निश्चय का प्रतीक।
3. कृष्णपिङ्गाक्ष (Kṛṣṇapiṅgākṣa) – श्यामवर्ण और भूरी आँखों वाले, करुणा और गहराई का प्रतीक।
4. गजवक्त्र (Gajavaktra) – हाथी के से मुख वाले, बुद्धि और बल के दाता।
5. लम्बोदर (Lambodara) – बड़े पेट वाले, जो सब कुछ अपने भीतर समा लेते हैं।
6. विकट (Vikata) – विकराल, कठिन, शक्तिशाली और भयावह रूप, जो हर बाधा को नष्ट करता है।
7. विघ्नराजेन्द्र (Vighnarājendra) – विघ्नों के अधिपति, विघ्नों पर शासन करने वाले, बाधाओं पर विजय पाने वाला, जो हर अड़चन दूर करते हैं।
8. धूम्रवर्ण (Dhumravarnaṃ) – धूसर वर्ण वाले धुएँ जैसे रंग वाले, रहस्य और शक्ति का प्रतीक। यह नाम भगवान की दिव्य स्वरूप की भिन्न विशेषता व्यक्त करता है।
9. भालचन्द्र (Bhālacandra) – मस्तक पर चन्द्र सुशोभित, शांतिपूर्ण, दिव्य चमक वाला रूप, शांति और संतुलन देने वाले।
10. विनायक (Vināyaka) – सबके नेता और मार्गदर्शक, सकारात्मक ऊर्जा देने वाला
11. गणपति (Ganapati) – गणों के स्वामी, सब पर कृपा करने वाले; भक्त-गण आदि के अधिपति; समस्त संसार के जीवों में गणेश की उपासना।
12. गजानन (Gajaanana) – हाथी-समान मुख वाला; करुणा, बुद्धि, शक्ति के प्रतीक स्वरूप, विशालता और करुणा का प्रतीक।
क्यों हर संकट का समाधान है गणेश जी का यह स्तोत्र
FAQs on Ganesh Sankat Nashan Stotra
Q1: संकटनाशन गणेश स्तोत्र किस ग्रंथ से लिया गया है?
यह स्तोत्र नारद पुराण से लिया गया है और गीता प्रेस ने इसे प्रमाणिक रूप में प्रकाशित किया है।
Q2: भगवान गणेश के 12 नाम कौन-कौन से हैं?
वक्रतुण्ड, एकदन्त, कृष्णपिङ्गाक्ष, गजवक्त्र, लम्बोदर, विकट, विघ्नराजेन्द्र, धूम्रवर्ण, भालचन्द्र, विनायक, गणपति और गजानन।
Q3: गणेश जी के 12 नामों का जाप कब करना चाहिए?
प्रतिदिन त्रिसंध्या (सुबह, दोपहर, शाम), या बुधवार और चतुर्थी को श्रद्धा से 12 नामों का जाप करने पर विशेष फल मिलता है।
Q4: संकटनाशन गणेश स्तोत्र के क्या लाभ हैं?
संकट दूर होते हैं, विद्या, धन और संतान की प्राप्ति होती है, मन की शांति मिलती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
Q5: क्या विद्यार्थी भी इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं?
हाँ, विद्यार्थी रोज़ इसका पाठ करें तो बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ती है और पढ़ाई में सफलता मिलती है।
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